हम होंगे कामयाब

प्रधानमंत्री के आह्वान पर पूरे देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जिस तरह स्वतस्फूर्त ढंग से जनता कपy को सफल बनाया, वह भविष्य में किसी ऐसी चुनौती से मुकाबले के लिए सुखद संकेत है। निष्कर्ष यह है कि अब भी जनता देश-समाज हित में किसी राजनेता के आह्वान को गंभीरता से लेती है। पिछले कुछ दिनों में जिस तेजी से कोरोना वायरस संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़कर साढ़े तीन सौ तक पहुंचा है, ऐसी सजगता व स्वत-उपचारात्मक उपायों का पालन अपरिहार्य ही है। इतिहास गवाह है कि अनेक संकट की घड़ियों और महामारियों के खिलाफ भारतीय जनमानस एकजुट हुआ है। मलेरिया, चेचक और पोलियो जैसे रोगों के खिलाफ यदि हमने कामयाबी हासिल की है तो उसमें जनसहयोग की बड़ी भूमिका रही हैनिसंदेह यह हमारे लिये चेतने का समय भी है। इटली का उदाहरण हमारे सामने है कि कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लेने की वजह से वहां यह महामारी का रूप ले चुका है। बावजूद इसके कि वहां जनसंख्या का घनत्व भी कम है और चिकित्सा सुविधाएं विकसित देशों के अनुरूप उन्नत किस्म की हैं। निसंदेह भारतीयों ने स्वत- जनता कफ्यूं को सफल बनाकर पूरी दुनिया को रचनात्मक संदेश दिया है कि हम सरकारी आदेश के बिना भी लॉकडाउन जैसी परिस्थितियां का लाभ ले सकते हैं। निसंदेह यह कोरोना वायरस से लड़ने का लोकतांत्रिक तरीका है, जिसकी पूरी दुनिया में मिसालें दी जायेंगी। वाकई जनचेतना के बिना महामारियों से मुकाबला संभव भी नहीं है। निसंदेह कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के खिलाफ यात्री ट्रेनों को स्थगित करने और कोरोना संक्रमित पाये गये देशभर में 75 जिलों में लॉकडाउन के आदेश समय की जरूरत है। हाल के दिनों में देश में ही रहने वाले लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने के मामले सामने आना खतरे की घंटी है। इससे पहले ही यह गांव-देहात के लोगों तक पहुंचे इस तरह के उपाय तर्कसंगत और जरूरी हैं। इसके लिये सरकार के प्रयास और नागरिकों की सतर्कता व एकजुटता जरूरी है। यही वजह है कि राजस्थान के बाद पंजाब में 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है, जिसके आगे भी बढ़ने की संभावना है। पंजाब सरकार विदेशों से आए अनेक ऐसे लोगों की तलाश में जुटी है जो देश में आकर लापता हो गये। इसमें दो राय नहीं है कि यदि शुरुआत में ही सावधानी बरती जाये और सख्त कदम उठा लिये जायें तो वायरस का प्रसार रोका जा सकता है। इसी कड़ी में छह कोरोना संक्रमित लोगों के पाये जाने के बाद चंडीगढ़ में भी लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इस मुश्किल वक्त में केंद्र सरकार द्वारा योग्य चिकित्सकों की उपस्थिति में निजी लैबों को कोरोना वायरस की जांच की अनुमति देना स्वागतयोग्य कदम है। इस मुश्किल घड़ी ने हमें यह सबक तो दिया है कि देश के चिकित्सा तंत्र को चुस्तदुरुस्त करने जरूरत है, जिससे भविष्य में हम ऐसी महामारियों का मुकाबला समय रहते बिना क्षति के कर सकें